धन उगाहना 15 सितंबर, 2024 – 1 अक्टूबर, 2024 धन उगाहने के अभियान के बारे में

टोपी शुक्ला / Topi Shukla

टोपी शुक्ला / Topi Shukla

राही मासूम रज़ा / Rahi Masoom Raza
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‘आधा गाँव’ के ख्यातिप्राप्त रचनाकार की यह एक अत्यन्त प्रभावपूर्ण और मर्म पर चोट करने वाली कहानी है। टोपी शुक्ला ऐसे हिन्दुस्तानी नागरिक का प्रतीक है जो मुस्लिम लीग की दो राष्ट्रवाली थ्योरी और भारत विभाजन के बावजूद आज भी अपने को विशुद्ध भारतीय समझता है - हिन्दू-मुस्लिम या शुक्ला, गुप्त, मिश्रा जैसे संकुचित अभिधानों को वह नहीं मानता। ऐसे स्वजनों से उसे घृणा है जो वेश्यावृत्ति करते हुए ब्राह्मणपना बचाकर रखते हैं, पर स्वयं उससे इसलिए घृणा करते हैं कि वह मुस्लिम मित्रों का समर्थक और हामी है। अन्त में टोपी शुक्ला ऐसे ही लोगों से कम्प्रोमाइज नहीं कर पाता और आत्महत्या कर लेता है। व्यंग्य-प्रधान शैली में लिखा गया यह उपन्यास आज के हिन्दू-मुस्लिम सम्बन्धों को पूरी सच्चाई के साथ पेश करते हुए हमारे आज के बुद्धिजीवियों के सामने एक प्रश्नचिद्द खड़ा करता है।
श्रेणियाँ:
साल:
2009
प्रकाशन:
Rajkamal Prakashan
भाषा:
hindi
पृष्ठ:
114
ISBN 10:
8126709111
ISBN 13:
9788126709113
फ़ाइल:
PDF, 1.39 MB
IPFS:
CID , CID Blake2b
hindi, 2009
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